Maha Kumbh 2025:कुंभ पर्व के आध्यात्मिक रहस्य के विषय में चिंतन करने पर यह ज्ञात होता है की कुंभ पर्व को आयोजित करने,उसमें सम्मिलित होने का आध्यात्मिक रहस्य यही है कि हम लोग इस पर्व पर दूर-दूर से अनेक स्थानों से हरिद्वार,प्रयाग,नासिक और उज्जैन जैसे पवित्र तीर्थ स्थान में आकर नदियों में स्नान करने से पवित्र होकर श्रेष्ठhttps://amzn.to/48qZrr2 संतों,विद्वानों के उपदेशों को सुनें,ज्ञान प्राप्त करें, सत्संग लाभ करें तथा तप,सत्य दान,यज्ञ आदि शुभ कर्मों द्वारा अपनी सामर्थ्य और रुचि को प्रदर्शित करें, जिससे मृत्यु के पश्चात हमें सर्वोत्तम,उत्तम या मध्यम गति प्राप्त हो। https://amzn.to/3ArrJVs शास्त्रों में वर्णित है कि श्री गंगा आदि नदियों व हरिद्वार,प्रयाग,नासिक और उज्जैन आदि तीर्थ में स्नान का विशेष व विलक्षण महत्व है,किंतु विशिष्ट ग्रहों,योगों से संपन्न होने के कारण 'कुंभ पर्व' के अवसर पर स्नान-अर्चन-दान -ध्यान आदि का विशेष महत्व है। इसके अतिरिक्त हरिद्वार,प्रयाग,नासिक और उज्जैन में अनादि काल से 'कुंभ मेलों' के आयोजन में संपूर्ण भारत के विविध वर्गों,जातियों,संप्रदायों और विचारधाराओं के व्यक्तियों का सामूहिक सम्मिलन होता है तथा उसमें विद्यमान जो अपवित्रता होती है,उसका शमन होता है।https://amzn.to/4eXNmvT धर्म,संप्रदाय एवं संस्कृति के श्रेष्ठ जनों के विचारों के अवगाहन और अनुशीलन से'वसुधैव कुटुंबकम' आदि उच्च भावनाओं की सृष्टि जनमानस में होती है। कुंभ पर्व की सार्थकता इसी में है और आयोजन का यही उद्देश्य भी है।
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