शुक्रवार, 13 दिसंबर 2024

Mahakumbh 2025: प्रधानमंत्री आज प्रयागराज में हजारों करोड़ की परियोजनाओं का शुभारंभ करेंगे



Maha Kumbh 2025: आज सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दिव्य प्रयागराज नगरी में आगमन हुआ है। प्रधानमंत्री आज यहां करोड़ों रुपए की परियोजनाओं का शुभारंभ करेंगे। प्रधानमंत्री ने आते ही सर्वप्रथम साधु संतों से समागम किया और संगम तट पर जाकर पूजा अर्चना की तथा संतों का आशीर्वाद लिया। प्रधानमंत्री के साथ  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ,राज्यपाल एवं केशव प्रसाद मौर्य भी शिरकत कर रहे हैं। प्रधानमंत्री यहां आज महाकुंभ प्रदर्शनी स्थल का भी भ्रमण करेंगे। साथ ही प्रधानमंत्री का हनुमान मंदिर ,सरस्वती कूप एवं अक्षय वट की भी पूजा अर्चना करने का प्रोग्राम है। प्रधानमंत्री आज भारद्वाज आश्रम का भी भ्रमण करेंगे। प्रधानमंत्री आज यहां 55000 करोड़ की परियोजनाओं का शुभारंभ कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी आज जिन परियोजनाओं का शुभारंभ करेंगे वह इस प्रकार हैं: 
1.प्रधानमंत्री 'कुंभ सहायक' चैट बॉट का शुभारंभ करेंगे।
2. मंदिर के प्रमुख गलियारों का लोकार्पण करेंगे प्रधानमंत्री इसमें हनुमान मंदिर (लेटे हुए हनुमान मंदिर) कॉरिडोर, भारद्वाज आश्रम गलियारा एवं श्रृंगवेरपुर धाम गलियारा शामिल है। 
3. शिवालय पार्क के लिए 14 करोड रुपए का आवंटन किया गया है जिसका लोकार्पण करेंगे पीएम। 



शुक्रवार, 1 नवंबर 2024

महाकुंभ 2025: सनातन की अलख जगाने वाले संत होंगे महाकुंभ का मुख्य आकर्षण

 

Maha Kumbh 2025: महाकुंभ 2025 विश्व  का सबसे बड़ा आयोजन होगा। इसमें देश-विदेश के अतिविशिष्ट मेहमान तो चर्चा का विषय रहेंगे ही साथ ही इंटरनेट के माध्यम से देश-विदेश में सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार करने वाले साधु संत आकर्षण का मुख्य केंद्र रहेंगे। ये साधु संत विभिन्न शिविरों में सनातन धर्म का प्रवचन एवं राम कथा का बखान करते हुए दिखेंगे। इस बार शिविरों में कहीं कथा वाचक 'मुरारी बापू', कहीं बागेश्वर धाम के 'धीरेंद्र शास्त्री', कहीं शिव चर्चा विशेषज्ञ पंडित प्रदीप मिश्र, तो कहीं कृष्ण कथा वाचक अनिरुद्धाचार्य जैसे संत प्रवचन करते हुए दिखेंगे। उनके कार्यक्रम मुख्यस्नान पर्व के इतर तारीखों में किया जाएगा जिससे आने वाले श्रद्धालुओं को परेशानी भी नहीं होगी और उनके आशीर्वचनों को श्रद्धालु आसानी से सुन सकेंगे। इसके लिए देश के तमाम प्रमुख संतों को महाकुंभ 2025 में तीर्थराज प्रयाग की पावन धरा पर आने के लिए निमंत्रित किया गया है।

महाकुंभ 2025: श्रद्धालुओं को शुद्ध पेयजल की आपूर्ति के लिए वाटर एटीएम की व्यवस्था


Maha Kumbh 2025: महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं को मिलेगा शुद्ध पेय जल। शुद्ध पानी उपलब्ध कराने के लिए मार्ग में वाटर एटीएम लगाने की व्यवस्था की जा रही है। इसके तहत सिविल लाइंस, मेयो हॉल, भारद्वाज पार्क, बाई का बाग एवं संगम क्षेत्र में वाटर एटीएम लगाने की योजना बनी है। वाटर एटीएम उन्हीं स्थान पर लगाया जाएगा जहां पहले से जलाशय है। जलाशयों से जोड़कर वॉटर टैंक लगाए जाएंगे जिसमें वॉटर प्यूरीफायर लगा होगा। महाकुंभ में मेला क्षेत्र में 200 से अधिक एटीएम लगाने की योजना है।

रविवार, 27 अक्टूबर 2024

महाकुंभ 2025: कुंभ पर्व का आध्यात्मिक उद्देश्य क्या है ?


Maha Kumbh 2025:कुंभ पर्व के आध्यात्मिक रहस्य के विषय में चिंतन करने पर यह ज्ञात होता है की कुंभ पर्व को आयोजित करने,उसमें सम्मिलित होने का आध्यात्मिक रहस्य यही है कि हम लोग इस पर्व पर दूर-दूर से अनेक स्थानों से हरिद्वार,प्रयाग,नासिक और उज्जैन जैसे पवित्र तीर्थ स्थान में आकर नदियों में स्नान करने से पवित्र होकर श्रेष्ठhttps://amzn.to/48qZrr2 संतों,विद्वानों के उपदेशों को सुनें,ज्ञान प्राप्त करें, सत्संग लाभ करें तथा तप,सत्य दान,यज्ञ आदि शुभ कर्मों द्वारा अपनी सामर्थ्य और रुचि को प्रदर्शित करें, जिससे मृत्यु के पश्चात हमें सर्वोत्तम,उत्तम या मध्यम गति प्राप्त हो। https://amzn.to/3ArrJVs  शास्त्रों में वर्णित है कि श्री गंगा आदि नदियों व हरिद्वार,प्रयाग,नासिक और उज्जैन आदि तीर्थ में स्नान का विशेष व विलक्षण महत्व है,किंतु विशिष्ट ग्रहों,योगों से संपन्न होने के कारण 'कुंभ पर्व' के अवसर पर स्नान-अर्चन-दान -ध्यान आदि का विशेष महत्व है। इसके अतिरिक्त हरिद्वार,प्रयाग,नासिक और उज्जैन में अनादि काल से 'कुंभ मेलों' के आयोजन में संपूर्ण भारत के विविध वर्गों,जातियों,संप्रदायों और विचारधाराओं के व्यक्तियों का सामूहिक सम्मिलन होता है तथा उसमें विद्यमान जो अपवित्रता होती है,उसका शमन होता है।https://amzn.to/4eXNmvT धर्म,संप्रदाय एवं संस्कृति के श्रेष्ठ जनों के विचारों के अवगाहन और अनुशीलन से'वसुधैव कुटुंबकम' आदि उच्च भावनाओं की सृष्टि जनमानस में होती है। कुंभ पर्व की सार्थकता इसी में है और आयोजन का यही उद्देश्य भी है।

रविवार, 20 अक्टूबर 2024

Mahakumbh 2025: कुंभ की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि



महाकुंभ 2025 : ऋग्वेद, अथर्ववेद , शतपथ ब्राह्मण , वैदिक साहित्य, पौराणिक ग्रंथ तथा ज्योतिर्विज्ञान के साक्ष्यों को देखते हुए कुंभ की प्राचीनता स्वतः सिद्ध हो जाती है । इसके अतिरिक्त अग्नि, कूर्म, गरुड़ , वराह, वामन, मत्स्य, पद्म, शिव, विष्णु, स्कंद ,लिंग ,हरिवंश ,श्रीमद् भागवत पुरान व महाभारत तथा वाल्मीकि रामायण एवं अन्य प्राचीन ग्रंथों में वर्णित आख्यानों से भी कुंभ महापर्व की प्राचीनता सिद्ध होती है।
       भारतीय धर्म दर्शनों के अनुसार ऋषि- महर्षि, संत-परमात्मा सृष्टि के रहस्यों और परमात्मा की प्राप्ति हेतु निर्जन वनों, हिम कंदराओं तथा बर्फीली चोटियों को अपनी साधना का उपयुक्त स्थल मानकर वहां रहते आए हैं। ये ऋषि महर्षि एवं संत अपनी साधना का कुछ अंश जन कल्याण के लिए राजाओं के माध्यम से प्रसाद रूप में वितरित करते थे। ये श्रेष्ठ जन कुंभपर्व का योग आने पर जन-सामान्य को ज्ञान विज्ञान और धर्म-अध्यात्म का उपदेश देते थे तथा अपनी तपस्या के अर्जित फल का कुछ अंश प्रदान करते थे। ऐसा कहा जा सकता है की वही परंपरा 'कुंभ महापर्व' या 'कुंभ' मेले का रूप धारण करके हजारों वर्षों से अनवरत चली आ रही है।




Mahakumbh 2025:: सात स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था से लैस होगा महाकुंभ



  • महाकुंभ 2025 : इस बार महाकुंभ में सात स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था होगी। संपूर्ण मेला अवधि के दौरान 10 प्रकार के सुरक्षा ऑपरेशन भी चलाए जाएंगे। श्रद्धालुओं की सुरक्षा में कुल 37,611 पुलिसकर्मी मुस्तैद रहेंगे। इसमें महाकुंभ मेला क्षेत्र के लिए 22,953 पुलिसकर्मी, कमिश्नरेट के लिए 6887 और जीआरपी के 7771 पुलिस कर्मियों की तैनाती होगी। 

       ये हैं सुरक्षा के सात चक्र 
  • पहला चक्र : मूल स्थान(पॉइंट ऑफ़ ओरिजन) पर चेकिंग   
  • दूसरा चक्र : ट्रेन बस और निजी वाहनों की चेकिंग 
  • तीसरा चक्र: प्रदेश की सीमाओं पर व्यापक चेकिंग 
  • चौथा चक्र: जौन की सीमाओं और टोल प्लाजा पर चेकिंग 
  • पांचवा चक्र: प्रयागराज कमिश्नरेट की सीमा पर चेकिंग 
  • छठा चक्र: मेला क्षेत्र आउटर में चेकिंग 
  • सातवां चक्र: इनर आइसोलेशन कार्डन पर चेकिंग
       

शनिवार, 19 अक्टूबर 2024

Mahakumbh 2025: कुंभ कहां-कहां और कब होता है


महाकुंभ 2025 : देवगुरु बृहस्पति के कुंभ राशि में तथा सूर्य के मेष राशि में आने पर हरिद्वार में महाकुंभ होता है। प्रयाग में बृहस्पति वृष राशि पर तथा सूर्य मकर राशि पर स्थित होते हैं तब कुंभ पर्व का योग बनता है, उज्जैन में बृहस्पति सिंह राशि पर तथा सूर्य व चंद्र दोनों मेष राशि पर स्थित होते हैं तो इससे कुंभ पर्व होता है। इसी प्रकार नासिक में भी बृहस्पति के सिंह राशि पर रहते हुए ही चंद्रमा और सूर्य भी सिंह राशि पर आ जाते हैं तब कुंभ पर्व होता है।
सूर्य चंद्र जब एक राशि में होते हैं तो वह अमावस्या की बेला होती है। प्रतीकात्मक रूप में सूर्य और चंद्र शरीर में स्थित क्रमशः आत्मा और मन हैं। बृहस्पति ज्ञान के प्रतीक हैं। इस प्रकार आत्मा, मन और बुद्धि के साथ संयुक्त होने से शरीर में स्थित 'अमृत कुंभ' को नष्ट होने से बचाया जा सकता है। 
         गीता के संदेश 'मां फलेषु कदाचन' के अनुसार आत्म चिंतन तथा आत्म-मंथन के लिए कुंभ महा पर्व का आयोजन  एकदम उचित  व्यवहारिक और सार्थक प्रतीत होता है । इस अवसर पर शरीर रूपी कुंभ में अमृत रूपी सद् विचारों को भरने का सौभाग्य प्राप्त होता है।

शुक्रवार, 18 अक्टूबर 2024

Maha Kumbh 2025: महाकुंभ की वेबसाइट श्रद्धालुओं के लिए बनेगी मददगार


महाकुंभ 2025 : अगर महाकुंभ 2025 में आप प्रयागराज आ रहे हैं तो महाकुंभ की वेबसाइट आपके लिए बहुत मददगार साबित होगी। महाकुंभ की वेबसाइट kumbh.gov.in/ का लोकार्पण मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा पहले ही हो चुकी है। इस वेबसाइट पर वो सारी जानकारियां दी गई है जो आने वाले श्रद्धालुओं के लिए काफी उपयोगी साबित होंगी। इसमें एक क्लिक पर मिलगी कुंभ 2019 के विश्व रिकॉर्ड की जानकारी।  प्लान फॉर पिलिग्रिम पेज पर तीन प्रमुख सूचनाओं को साझा किया गया है। हाउ टू रीच-कैसे पहुंचे पर क्लिक करते ही प्रयागराज के नौ प्रमुख स्टेशनों प्रयागराज जंक्शन, प्रयागराज रामबाग, प्रयागराज संगम, प्रयाग जंक्शन, नैनी जंक्शन, प्रयागराज छिवकी, फाफामऊ, झूसी और सूबेदारगंज स्टेशनों की लिस्ट डिस्प्ले हो जाएगा। यहां पर टिकट बुकिंग, रेलवे की एडवाइजरी, स्टेशन पर सुविधा, एयरपोर्ट का नंबर, बस अड्डे के बारे में जानकारी एवं फोन नंबर दिए हुए हैं जिससे श्रद्धालु लाभान्वित हो सकेंगे। 

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गुरुवार, 17 अक्टूबर 2024

महाकुंभ 2025: कुंभ की उत्पत्ति


महाकुंभ 2025 : देवासुर संग्राम के समय देव और दानवों के आपसी समझौते के आधार पर अमृत प्राप्ति के लिए समुद्र का मंथन किया गया। उस समय अमृत से पूर्ण कुंभ की उत्पत्ति हुई जिसके मूल सूत्रधार भगवान विष्णु थे। अमृत कुंभ के निकलते ही देवताओं के संकेत से इंद्र पुत्र  जयंत अमृत कलश लेकर आकाश में उड़ गया। उसके बाद असुरों ने अमृत कलश को वापस पाने के लिए जयंत का पीछा किया और घोर परिश्रम के बाद उन्होंने बीच रास्ते में ही जयंत को पकड़ लिया। तत्पश्चात अमृत कलश पर अधिकार के लिए देवों और असुरों में अविराम युद्ध होता रहा। परस्पर मारकाट के समय पृथ्वी के चार स्थानों  हरिद्वार, प्रयाग, उज्जैन और नासिक में कलश गिरा था।
उस समय चंद्रमा ने कलश से अमृत के निकलने, सूरज ने कलश के फूटने, गुरु बृहस्पति ने दैत्यों द्वारा छीनने एवं शनि ने देवेंद्र के भैय से कलश की रक्षा की। अमृत के लिए 12 दिनों तक लगातार युद्ध हुआ था। जिस समय चंद्रमा आदि ने उस अमृत कलश की रक्षा की थी , उस समय की वर्तमान राशियों पर उक्त रक्षा करने वाले चंद्र् , सूर्य आदि ग्रह जब आते हैं तब उस समय कुंभ पर्व का योग होता है अर्थात जिस वर्ष जिस राशि पर सूर्य चंद्रमा और बृहस्पति का संयोग होता है उसी वर्ष इस राशि के योग में जहां-जहां अमृत कुंभ का अमृत बिंदु छलक कर गिरा था वहां वहां कुंभ मनाया जाता है।

बुधवार, 16 अक्टूबर 2024

महाकुंभ 2025: प्रयाग के कुंभ का महत्व

महाकुंभ 2025: प्रयाग को तीर्थराज कहा गया है। यह समस्त तीर्थों का राजा है। गंगा यमुना की धारा ने संपूर्ण प्रयाग को तीन भागों में बांट दिया है। यह तीनों भाग अग्नि स्वरूप यज्ञबेदी माने जाते हैं। इसमें गंगा- यमुना का मध्य भाग , झूसी और यमुनापार का भाग अरैल मैं पवित्र होकर एक - एक रात निवास करने से अग्नियों के उपासना का फल प्राप्त होता है। सृष्टि के आदि में ब्रह्मा ने यहां एक विशेष  यज्ञ किया था इसीसे इस स्थान का नाम प्रयाग कहलाया। वैदिक साहित्य के अनुसार जिस स्थान पर गंगा यमुना एवं सरस्वती परस्पर मिलती हैं वहां स्नान करने वाले स्वर्ग को जाते हैं और जो बुद्धिमान पुण्य आत्मा लोग इस पुण्यभूमि में देह त्याग करते हैं वे मुक्त हो जाते हैं। यदि स्नान माघ मास में हो तो उसका पण्य फल हज़ारों अश्वमेध यज्ञ के समान होता है। उसमें भी यदि महाकुंभ पड़ जाए तू अक्षय फल की प्राप्ति होती है। ऋग्वेद के अनुसार 1000 अश्वमेध यज्ञ, 100 वाजपेय यज्ञ, 100000 बार पृथ्वी की परिक्रमा करने का जो फल प्राप्त होता है वह कुंभ पर्व में स्नान करने से तत्काल होता है।

Mahakumbh 2025: प्रधानमंत्री आज प्रयागराज में हजारों करोड़ की परियोजनाओं का शुभारंभ करेंगे

Maha Kumbh 2025: आज सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दिव्य प्रयागराज नगरी में आगमन हुआ है। प्रधानमंत्री आज यहां करोड़ों रुपए की परियोजनाओं ...